दावे-आपत्तियां निपटा कर जिला पंचायतों मेंमॉनिटरिंग करेंगे मनरेगा लोकपाल

भोपाल
अब प्रदेश की हर जिला पंचायत में लोकपाल की तैनाती की जाएगी। ये लोकपाल मनरेगा लोकपाल कहलाएंगे और पंचायातें से जुड़े 22 कमियों पर इनकी सीधी नजर होगी।
राज्य सरकार ने महात्मा गांधी राष्टÑीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत पूर्व में बने नियमों को समाप्त करते हुए नये नियम बनाना प्रस्तावित किया है। इन नियमों पर दावे-आपत्तियों के निराकरण करते हुए एक माह बाद इन्हें पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। राज्य सरकार हर जिले में मनरेगा लोकपाल की नियुक्ति करेगी। पिछले दो वर्षो में प्रदेश में औसत व्यय से कम व्यय वाले जिलों को एक ही लोकपाल रखने के लिए एक साथ जोड़ा जा सकेगा। मनरेगा गारंटी के अधीन कम खर्च वाले छोटे जिलों को एक साथ जोडा जा सकेगा।
इस योजना के तहत जो लोकपाल बनाए जाएंगे वे बाईस तरह के विषयों से जुड़ी शिकायतों पर नजर रखेंगे। लोकपाल को किसी एक या अधिक विषयों से संबंधित योजना के क्रियान्वयन में कमी बताने वाली शिकायतें प्रस्तुत की जा सकेंगी। ग्राम सभा, परिवारों का पंजीकरण और जाब कार्ड जारी किये जाने, जॉब कार्डो की अभिरक्षा, कार्य की मांग,कार्य के लिए प्रसतुत आवेदन के विरुद्ध तारीख युक्त मंजूरी जारी करने, मजदूरी के भुगतान, बेरोजगारी भत्ते के भुगतान, लिंग के आधार पर भेदभाव, कार्यस्थल पर सुविधाएं, कार्य की माप, कार्य की गुणवत्ता, मशीनों का उपयोग,ठेकेदारों से काम लेना, बैंक या डाकघरों में खातों का संचालन, शिकायतों का पंजीयन और निपटारा, मस्टर रोल का सत्यापन, दस्तावेजों का निरीक्षण, निधियों का उपयोग, निधियों का जारी किया जाना, सोशल आॅडिट, अभिलेखों का संधारण और अधिनियम में मिले आश्वासन से किसी पात्रता से वंचित रखे जाने जैसे विषयों पर लोकपाल नजर रखेंगे और इनसे जुड़ी शिकायतों को सुनेंगे और उनका समाधान करने निर्णय ले सकेंगे।
इस तरह निपटेंगी शिकायतें
कोई व्यक्ति जिसे स्कीम प्राधिकारी या कामगार के विरुद्ध कोई शिकायत हो , स्वयं या अपने प्राधिकृत सक्षम प्रतिनिधि के माध्यम से स्कीम प्राधिकारी या कामगार के विरुद्ध लोकपाल को शिकायत कर सकेगा। न्यायालय में अपील, पुनरीक्षण , निर्देश अथवा रिट की कार्यवाहियों की विषय वस्तु से जुड़े मुद्दे पर शिकायत नहीं की जाएगी। लोकपाल शिकायत को समुचित मनरेगा प्राधिकरण को सात दिन के भीतर निपटारा करने के लिए कहेगा। शिकायक का निपटारा करने में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी प्राधिकरण के असफल रहने की स्थिति में मामला निपटारे के लिए लोकपाल के हाथ में लिया जा सकेगा।लोकपाल शिकायत की एक प्रति के साथ शिकायत प्राप्ति की एक सूचना मनरेगा प्रधिकरण को भिजवाएगा जिसके विरुद्ध शिकायत की गई है। यदि किसी मामले में पक्षकारों द्वारा तथ्यों को स्वीकार नहीं किया जाता है तो लोकपाल पक्षकारों को अपना मामला प्रस्तुत करने का युक्तियुक्त अवसर प्रदान करने के बाद अवार्ड पारित कर सकेगा।
लोकपाल पक्षकारों द्वारा उसके समक्ष रखी गई साक्ष्य, सामाजिक अंकेक्षण की रिपोर्ट मनरेगा अधिनियम तथा योजना और राज्य सरकार अथवा केन्द्र सरकार द्वारा समय-समय पर जारी प्रक्रिया, निर्देशों से मार्गदर्शन ले सकेगा। लोकपाल ििकसी विशेषज्ञ से मामले में रिपोर्ट भी प्राप्त कर सकेगा। सही स्थिति का पता करने के लिए लोकपाल आकस्मिक निरीक्षण भी कर सकेगा। मिथ्या, विद्वेषपूर्ण और तंग करने वाली शिकायतों को लोकपाल खारिज भी कर सकेगा। शिकायतकर्ता विरोधी पक्षकार से ऐसे खर्च की वसूली भी की जा सकेगी जो लीोकपाल उसमुचित समझे। लोकपाल के फैसलों के खिलाफ अपील प्राधिकरण में सुनवाई की जा सकेगी। इस प्राधिकरण में तीन सदस्य होंगे। इनमें शिक्षाविद सेवानिवृत्त लोक सेवक तथा एक सिविल सोसायटी का प्रतिनिधि होग।